अहल्या

मैं कौन? कहाँ से तिर आयी हिम-कणिका-सी ! 

क्रमश: तारक द्युतिहीन, लीन स्वर-मधुप-वृन्द   

भावी का धनुष-भंग, सीता-राघव-विवाह