चन्दन की कलम शहद में डुबो-डुबोकर

  1. अंतिम प्रणाम लो हे अनंत पथ के यात्री !  
  2. किसने पिघले हुए अनल को पीने का हठ ठाना !  
  3. जन-मन नायक! हे जन-गायक! जन-जीवन ध्रुवतारा  
  4. जब अपनी तुलना करता हूँ मैं कवि तुलसीदास से  
  5. जय हो, हे हिन्दी उद्धारक!  
  6. निर्वेद  
  7. पूरब-पश्चिम दोनों दिशि से उमड़ रही है आग  
  8. पराधीनता-निशा कट गयी  
  9. बहुत माना हठी था, तेज था, तर्रार था नेहरू 
  10. रामनवमी