चन्दन की कलम शहद में डुबो-डुबोकर_Chandan Ki kalam Shahad Mein Dubo Dubo kar

  • “ग़ज़ल की रवानी, गीतों की संपन्‍न अनुभूति एवं नाट्य-कृतियों के-से संवाद स्वाभाविक भाषा एवं सहज संवेद्य शैली में ’चन्दन की कलम शहद में डुबो-डुबोकर’ में आये हैं। सफल कृति के लिये सफल सर्जक के प्रति हार्दिक श्रद्धा एवं आह्लाद के भाव-सुमन अर्पित करता हूँ। “

-डॉ॰ हंसराज त्रिपाठी (तिलक डिग्री कॉलेज, प्रतापगढ़, उ. प्र.)