मेरे भारत, मेरे स्वदेश आयी हिमगिरि लाँघ लुटेरों की टोली फुफकारती तुम्हें पुकार रहा हिमगिरि से मैं जय का विश्वासी प्रयाण-गीत मेरे भारत मेरे स्वदेश वीर-भारती सुप्त सिंह के मस्तक पर चूहे ने चरण चढ़ाया है देशभक्ति गीत, दोहा Share on: Twitter Pinterest Facebook Google+