नाव सिन्धु में छोड़ी

  1. नाव सिन्धु में छोड़ी
  2. अब तुम नौका लेकर आये
  3. अब तो स्वरमय प्राण हमारे
  4. अपने रँग में मुझे रँगा दो
  5. एक सच्चा तेरा नाता है
  6. कटे दिन काँवर ढोते-ढोते
  7. कभी तो अगला ठाठ सजाओ
  8. कभी सपनों में ही मिल जाते
  9. कहाँ जाइये , किससे कहिये!
  10. कहाँ तक उड़ती जाए पतंग
  11. कहाँ तक जायेगी झंकार ?
  12. कुछ तो पुण्य कमाना होगा
  13. कैसी अद्भुत तेरी माया
  14. क्यों तुम दूर दूर हो छाये?
  15. कौन आता है सपना बन के
  16. कौन पहले अपना रुख मोड़े?
  17. कौन पीड़ा को सुर में गाता
  18. गीत मैंने लिख-लिखकर फाड़े
  19. चले तो देखा नहीं पलटकर
  20. जब तक हाथों में है वीणा
  21. जब ये जीवन फिर पायेंगे
  22. जब मैं सोते से जागूँगा
  23. जी चुके जीवन को क्या जीना!
  24. जीवन गाते-गाते बीते
  25. तार न जब डोलेगा
  26. तारा जो व्योम से गिरा
  27. तुझको पथ कैसे मिल पाए
  28. तुझको पथ कैसे सूझेगा
  29. तुझसे तार जुड़ा है मेरा
  30. तूने मुझको कितना चाहा
  31. दीपक मंद हुआ जाता है
  32. दुनिया काँटों की क्यारी है
  33. न मिलता यदि अवलंब तुम्हारा
  34. पास-पास ही रहिये
  35. भीत्ति नहीं है कोई
  36. मन का ताप हरो
  37. मुझे तो लहर बना रहने दो
  38. मेरे गीत, तुम्हारा स्वर हो
  39. मेरी छाया मुझसे आगे
  40. मेरी दुर्बलता ही बल है
  41. मैं इस घर से निकल न पाया
  42. मैंने क्या कुछ नहीं कहा है
  43. मैंने प्रेमयोग साधा है
  44. मैंने रात चैन से काटी
  45. यह शोभा किस काम की
  46. यह तो शीशमहल है
  47. यदि वे दिन फिर आते
  48. यदि हम तुझमे ही जीते हैं
  49. रात सुन ली थी तान तुम्हारी
  50. वही है धरा, वही है अम्बर
  51. सपने क्या-क्या नहीं दिखाते!
  52. सब कुछ साथ साथ चलता है
  53. समस्या बड़ी कठिन अब आयी
  54. सहन है नहीं विरह भी क्षण का
  55. सहारा देते रहो निरंतर
  56. साज नहीं सजता है
  57. हम तो अपने में ही फूले
  58. हम तो काँटे ही चुनते हैं
  59. हम तो शब्दों के व्यापारी
  60. हमने नाव सिन्धु में छोड़ी
  61. हमारे बीत रहे दिन कैसे !