तुझे पाया अपने को खोकर
- अब तो अंग थक गये सारे
- आस्था दृढ हो यदि अंतर में
- काल से डरें जिन्हें डरना है
- कहाँ जायेगी यह झंकार
- कहाँ से छलिया ‘मैं’ तू आया
- कैसे कह दूँ, भ्रम था सारा
- गीत जा रहे गगन के पार
- जब तक डाल न छूटे कर से
- जीते न्याय, प्रार्थना हारी
- जीवन ! आ तुझको दुहराऊँ
- तुझको नमन करूँ सौ बार
- तुझे पाया अपने को खोकर
- तेरी वंशी लेकर कर में
- थक गया मैं ये हार बनाते
- बाग़ के सभी फूल कुम्हलाये
- बजेगी क्या धुन, तू ही जाने
- प्रार्थना यदि न तुझे छू पाती
- प्राण की यह लय कभी न टूटे
- भुला मत देना इसको, भाई !
- मेंरी तान कहाँ गूजेगी
- मेरे गीत वहीँ तुम जाना
- सत्य कहना हे जगदाधर
- सागर-संगम-वेला
- साक्षी मेरी मर्म व्यथा के
- हुए जो कालजयी कवि आगे