boonde jo moti ban gayee
हर कली के जीवन में एक ऐसा क्षण आता है
जब वह डाल की होकर भी डाल की नहीं रह पाती है,
जब उसकी चेतना कहीं और उड़ी होती है,
जब उसकी भावना कहीं और बहक जाती है।
किसी अज्ञात सम्मोहन के वशीभूत होकर
जब उसकी आँखों में कोई रंगीन सपना झलक जाता है,
जब उसकी आकुलता पलकों में मचल उठती है
जब उसका हृदय आँसुओं में छलक जाता है।
परंतु जीवन में ऐसे क्षण कभी-कभी ही आते हैं,
अपूर्ण रहकर भी वे संपूर्ण चेतना को
सुगंधित कर जाते हैं।