vyakti ban kar aa
मुझे इसका दुख क्यों हो
कि मैंने अपनी प्रतिभा के अनुरूप
प्रसिद्धि नहीं पायी!
यह क्या कम है
कि तूने अपने प्रेम का यह दुर्लभ वरदान मुझे दिया,
मुझमें कुछ कर गुज़रने की धुन जगायी।
मुझे इसका संतोष है
कि मैं तेरे दिखाये मार्ग पर चल सका,
जीवन की अग्निपरीक्षा से खरा निकल सका।