anbindhe moti
कमला कमल हासिनी
बुद्धि-विकासिनी, जग-प्रकासिनी, हृदय हुलासिनी
स्वर्ण-शष्य-धृत करतल
पीत वसन, राग-चपल
चँवर रहीं सखियाँ झल
नभ निवासिनी
उर पर मणि-रचित हार
मुख-ज्योतित अंधकार
नमित-नयन, स्मित, उदार
मधुर-भाषिनी
बरसाते सुर समोद
प्रति-पद पय के पयोद
सबकी भर रही गोद
त्रास-नाशिनी
कमला, कमल-हासिनी
बुद्धि-विकासिनी, जग-प्रकाशिनी, हृदय हुलासिनी