anbindhe moti
कविजी की पहली समस्या है राशन की
कविता क्या जियेगी जब कवि ही मर जायगा !
दूसरी समस्या है पुस्तक के प्रकाशन की
कविता के नाम से प्रकाशक डर जायगा
तीसरी समस्या, पायें कृपादृष्टि शासन की
बिना क्रय, पुरस्कार, ग्रंथ किधर जायगा !
चौथी है समस्या किसी पायेदार आसन की
वरना सब रचा हुआ ठाठ बिखर जायगा