boonde jo moti ban gayee

ओ पिया!
मुझे फिर वैसा ही कर दे
जैसा प्रथम मिलन में तूने पाया था
जब तू मुस्कुराता हुआ
मेरी सुहागसेज पर आया था।
मेरे ओठों पर फिर वे गुलाब खिला दे
जिन्हें तू तोड़कर चला गया था,
मेरे बालों में फिर वे कलियाँ सजा दे
जिन्हें तू झिंझोड़कर चला गया था,
वह कुँआरी कामना जो मैं आँखों में आँजकर आयी थी,
मुझे लौटा दे;
प्रथम मिलन की वह प्यास जो मेरे अंग-अंग में समायी थी,
फिर से जगा दे,
मेरी रातों को फिर वही दूधिया चाँदनी
और मेरे सवेरों को फिर वही चटकती धूप दे दे,
मुझे फिर वही चाँदी का रंग और सोने का रूप दे दे;
ओ पिया! मुझे फिर वैसा ही कर दे
जैसा प्रथम मिलन में तूने पाया था
जब तू मुस्कुराता हुआ
मेरी सुहागसेज पर आया था।