boonde jo moti ban gayee

मेरी कविता को पढ़कर उसने कहा–
‘तुमने बड़ी साधना की है।’
उत्तर में मैंने कहा–
‘साधना क्या और कैसी होती है, मैं नहीं जानता,
मैंने तो केवल तुम्हारी आराधना की है।’