boonde jo moti ban gayee

मैंने तो बस तुम्हें ही प्यार किया है।

तुमने बदले में चुप्पी साध ली,
मुझे इसका खेद नहीं है,
स्वीकार और अस्वीकार में
अब कोई भेद नहीं है,
महत्त्व इसीका है कि मैंने रातों जगकर

तुम्हारे लिये अभिसार किया है!

मुझे तो प्रेम की इस जलन में ही
अपने अस्तित्व की झलक मिली है,
जहाँ तक डूबता गया हूँ मैं इसके अंदर
चेतना की लौ वहीं तक मिली है,
मैंने उस अज्ञात, अरूप, अनाम को भी

अपनी पीड़ा में साकार किया है!

यह आवश्यक नहीं है कि
तुम भी मुझे पहचान लो,
तुम्हें प्यार करता रहा है कोई
बस इतना भर जान लो,
क्या यह कम है कि किसीने तुम्हारे लिये

तिल-तिल जलना स्वीकार किया है!
मैंने तो बस तुम्हें ही प्यार किया है।