boonde jo moti ban gayee
यह कैसी विवशता है
कि मैं तुम्हारा स्पर्श नहीं कर सकता,
तुम्हें अपनी बाँहों में नहीं भर सकता,
फिर भी यह अनुभव करता रहता हूँ
कि तुम्हीं मेरे सपने की ऊर्वशी हो,
मेरी साँस-साँस में बसी हो,
मेरे जन्म-जन्म की प्रेयसी हो!
यह कैसी विवशता है
कि मैं तुम्हारा स्पर्श नहीं कर सकता,
तुम्हें अपनी बाँहों में नहीं भर सकता,
फिर भी यह अनुभव करता रहता हूँ
कि तुम्हीं मेरे सपने की ऊर्वशी हो,
मेरी साँस-साँस में बसी हो,
मेरे जन्म-जन्म की प्रेयसी हो!