chandni

चाँदनी मधु-हास-सी
नील सरसी में खिली नभ के सरोज-विकास-सी

मेघ कलित कपोल-पाली
इंदु-मुख शोभा निराली
गगन-लेखा वदन-रेखा
नखत के लघु दशनवाली

रश्मि-अलकों ने फिसलकर रेशमी पलकें छिपा लीं
सुख-अधीर समीर मुख-उल्लास-सी
चाँदनी प्रिय – हास – सी

किरण-वृन्तों पर सुनहरी
कुंद सित धन-पाँत फहरी
नखत-मणियाँ, ओस-कणियाँ
पवन पिंग पराग-लहरी

हँस रही ध्रुव के हिमावृत कुंज में मानो दुपहरी
पीत रवि, छवि शीत चंद्र-प्रकाश-सी
चाँदनी हिम – हास – सी

घन हिमांचल-श्रृंग उन्नत
नखत नगर-निवास शत़-शत्त
स्वर्ण-वर्णा भू, मलय–
आवृत जलधि, पद-अर्चना-रत

इंदु-कोहेनूर-भूषित स्मित नवीन स्वतंत्र भारत
दिग्विजय-नभ, रश्मि-चय प्रभ श्वास-सी
चाँदनी मृदु – हास – सी

1941