chandni

चाँदनी कनकछरी-सी
कच के बोझ रही धँस एड़ी
लंक लचकती तिरछी-बेंड़ी
रूप-भार से टेढ़ी-टेढ़ी

उतरी-सी किन्‍नरी, परी-सी, डरी-डरी-सी

केवल छवि से रची हुई-सी
उड़ी साँस में धुनी रुई-सी
मुई छुई ही छुईमुई-सी

फैला सलज दूधिया चितवन भरी-भरी-सी

चंद्रातप में झुलस चुकी-सी
पाटल-क्षत पँसलियाँ शुकी-सीं
रक्त चरण-उँगलियाँ रुकी-सी

पा हिमकण के छींटे क्षण भर हरी-हरी-सी
चाँदनी कनकछरी-सी

1942