ek chandrabimb thahra huwa

उड़ती हुई गुलाब की कुछ पंखड़ियों को
मैंने बटोर लिया है,
यों तो वे पहले से ही काफी रंगीन थीं,
पर उन पर थोड़ा-सा
कल्पना का कुंकुम और छिड़क दिया है।