guliver ki chauthi yatra

ख़बर
तूने रक्खा था जिस अंदाज़ से दिल में मुझको
उसमें कुछ मेरी भी चाहत का असर है कि नहीं
कोई रोता रहा यादों में तेरी सारी रात
यह तो बतला कि तुझे इसकी खबर है कि नहीं