kasturi kundal base
मैं शब्दों के माध्यम से
उस पार पहुँच गया हूँ,
क्या हुआ जो मैं अब पहले की तरह
लहरों पर नहीं झूम सकता!
अपनी परछाइयों को नहीं चूम सकता!
मैंने तो अपनी नौका भी
तीर पर ही छोड़ दी है,
मैं अब इसे
पीठ पर लिए-लिए नहीं घूम सकता।
मैं शब्दों के माध्यम से
उस पार पहुँच गया हूँ,
क्या हुआ जो मैं अब पहले की तरह
लहरों पर नहीं झूम सकता!
अपनी परछाइयों को नहीं चूम सकता!
मैंने तो अपनी नौका भी
तीर पर ही छोड़ दी है,
मैं अब इसे
पीठ पर लिए-लिए नहीं घूम सकता।