kitne jivan kitni baar
हम तो यही खेल खेलेंगे
जब यह करवट थक जायेगी, वह करवट ले लेंगे
कानों में तेरी धुन आती
चिर-विमुक्ति की नींद न भाती
मिलन-विरह की ये अकुलाती
पीड़ायें झेलेंगे
कस मत महाशून्य का घेरा
यह जग है लीलाघर तेरा
रचकर फिर-फिर यहीं बसेरा
यही खिलौने लेंगे
हम तो यही खेल खेलेंगे
जब यह करवट थक जायेगी, वह करवट ले लेंगे