kuchh aur gulab

नशा प्यार का आज टूटे तो टूटे
ये खँडहर है, अब कोई लूटे तो लूटे

इसी राह से ज़िंदगी जा चुकी है
लकीरों पे दुनिया जो टूटे तो टूटे

भरा ग़म ही ग़म प्यार की बाँसुरी में
कभी सुर ख़ुशी का भी फूटे तो फूटे

शराब आख़िरी घूँट तक पी चुके हम
ये प्याला जो हाथों से छूटे तो छूटे

गुलाब ! आपके प्यार की बेल है यह
जँचे उनकी आँखों में बूटे, तो बूटे