kuchh aur gulab
इस दिल में तड़पने के अरमान ही अच्छे हैं
रहने भी दें, अब घर ये वीरान ही अच्छे हैं
दिल साथ-साथ धड़के, एहसास बहुत इतना
इस राह में हम दोनों, अनजान ही अच्छे हैं
जो प्यार भी मिल जाये, यह बात कहाँ होगी !
हम आपकी नज़रों में मेहमान ही अच्छे हैं
डरते हुए लहरों से जीना है कोई जीना !
बेजान किनारों से तूफ़ान ही अच्छे हैं
दाना भी ‘गुलाब’ उनको अपना न बना पाते
इस प्यार की दुनिया में नादान ही अच्छे हैं