sau gulab khile

दिल को तुम्हारे वादे का एतबार तो रहे
यह ज़िंदगी रहे न रहे, प्यार तो रहे

दुनिया के लिये प्यार को हमने मिटा दिया
दुनिया रहे उन्हींकी तरफ़दार, तो रहे

पत्थर को हमने पूजके भगवान कर दिया
कहते हो गुनहगार, गुनहगार तो रहे

जिनको हमारे दिल की उदासी रुला गयी
दुनिया में ऐसे दोस्त भी दो-चार तो रहे

बुलबुल को बाँध दे जो रगों से गुलाब की
ऐसा भी यहाँ कोई कलाकार तो रहे