antah salila गाये जो ये गीत बैठकर मैंने तरु की डाल पर चल कर मन की चाल पर थिरकेंगे सुर-ताल पर सूरज-से चमकेंगे हरदम महाकाल के भाल पर पढ़ा करेंगी गोरियाँ माँयें देंगीं लोरियाँ हंस चुगेंगे मोती आकर इस सोने के थाल पर गाये जो ये गीत बैठकर मैंने तरु की डाल पर Share on: Twitter Pinterest Facebook Google+