kasturi kundal base

पहले मैं लाठी को घुमाता था
अब लाठी ही मुझे घुमाती है,
जिन्हें कभी कंधों पर लिए घूमता था,
उनके कंधों पर चढ़ने की घड़ी निकट हुई जाती है।