kasturi kundal base

मैं तो बाँसूरी में केवल फूँक मारता हूँ
उँगलियाँ तो तेरी ही चलती हैं.
मेरी नहीं,
तेरी मनचाही रागिनियाँ ही
इसके अंदर से निकलती हैं।