kasturi kundal base
मैंने किसी को
अभी-अभी यहाँ पाँव धरते देखा है,
हवा के झोंके को
बवंडर बनकर उभरते
और फूलों को भय से सिहरते देखा है!
मैंने किसी को
अभी-अभी यहाँ पाँव धरते देखा है,
हवा के झोंके को
बवंडर बनकर उभरते
और फूलों को भय से सिहरते देखा है!