kasturi kundal base

यदि इस वंशी-वादन को रुकना ही है
तो मेरी साँस के साथ-साथ ही रुके,
मेरी हर फूँक से सुरीली रागिनी फूटती रहे,
जब तक मैं चुक नहीं जाऊँ,
इसकी तान भी नहीं चुके।