nupur bandhe charan
सपने में करता माया-सा
अंधकार के पट में लिपटा कोई भीम पुरुष आया था
सिर उसका नभ को छूता था, नीलम की छत का पाया-सा
लंबे-लंबे पैरों पर चल रहा ताल-तरु की छाया-सा
दूर गुफा में घर है उसका जहाँ सुकोमल शिशु-काया-सा
एक चृषभ सित देखा मैंने तप्त रक्त से नहलाया-सा
सपने में करता माया-सा