गाँधी भारती

  1. उस दिन बोधि-वृक्ष के नीचे एक अबोध-हृदय आया,
  2. अंधकार-युग वह भारत का जब जातीय ज्योति थी क्षीण
  3. गलने लगा हिमालय लज्जा से सागर चिंघाड़ रहा
  4. तुमने जीवन दिया हमें, हम तुम्हें मृत्यु दे बैठे आप
  5. ठोकर खा गिर पडी, मनुजते! कौन अश्रुकण पोंछे आज
  6. बापू की पद-चिह्न-पंक्ति-सी मिट न सकेगी धरती पर
  7. बोल ‘महात्मा गाँधी की जय’ छोड़ दिये कितनों ने प्राण,
  8. भारत मेरे स्वप्नों का वह, जिसमें सब समान, सब एक,
  9. राजा राम अयोध्या के थे! हुए विदा जो उसको छोड़