मेरी उर्दू ग़ज़लें

  1. काँप उठती है क़यामत भी तेरी रफ़्तार से
  2. एक शीशा हूँ कि हर पत्थर से टकराता हूँ मैं
  3. उसको मुश्किल नहीं कहते कि जो आसां हो जाये
  4. गुलों के बदले शिगुफ्ता हैं ख़ार गुलशन में
  5. तुम्हारी चाहत में मर गया मैं, कभी तुम्हें एतबार होगा
  6. कहीं लालों-गुहर होगी, कहीं इल्मों-हुनर होगी
  7. मुझको दमभर भी तेरे कुचे में आराम नहीं
  8. कुछ हाजते-शमा तेरी महफ़िल में नहीं है
  9. अब तो मेरी आह में शायद असर होने लगा
  10. जफा-परवर से उम्मेदे-वफ़ा क्या
  11. नाराज़ हैं बुतों से खफ़ा हैं ख़ुदा से हम
  12. इल्मों-फन कुछ नहीं मालूम ग़मे-दिल के सिवा
  13. शहीदाने-वतन का खून आख़िर गुलफिशां निकला
  14. क्या हो रहा है हाले-गुलिस्तां न पूछिये
  15. जमाले-हुस्न है कुछ तो गुरूर होगा ही
  16. अब कहाँ है वे सरीरे साहबे शीरी मकाल
  17. ऐसे तो हुआ ही करती है हर बात निराली होली में
  18. रात तो हमने बितायी है किसी और के साथ
  19. नाकाम मुहब्बत के गुमनाम फरिश्तों ने
  20. मिलता ही नहीं जो खुलके कभी
  21. नहीं है ये आँखें भरी, जान लो
  22. बुझना ही जब रात में, ऐसे नहीं ऐसे
  23. हँसी अब उन होंठों पे छाने लगी है
  24. चाँदनी रहे यही चाँद रहे
  25. दर्द होता रहा रात भर
  26. प्यार तो दिल में कभी माना नहीं
  27. तैश में है कारवाने-ज़िंदगी
  28. यह सदा आती है आधी रात को उस पार से
  29. मरके भी राहत नहीं मिलती खयाले यार से