गाँधी भारती_Gandhi Bharati

  1. शत दशाब्दियों से
  2. महानाश के महाकाल में
  3. महाशून्य में कौन बढ़ा जा
  4. वह देखो उठती बापू के
  5. वह न रक्त-रेखा
  6. ना आलोक-स्रोत,
  7. गलने लगा हिमालय लज्जा से सागर चिंघाड़ रहा
  8. पूरब से पश्चिम तक गूँजा
  9. तुमने जीवन दिया हमें, हम तुम्हें मृत्यु दे बैठे आप
  10. बन आलोक प्राण में आओ
  11. जागो हे अपमानित-लांछित
  12. ठोकर खा गिर पड़ी, मनुजते! कौन अश्रुकण पोंछे
  13. एक दिव्य आलोक लोक में
  14. देखा मैंने स्वप्न
  15. एक मूक रेखा मनुजाकृतियों की
  16. अट्टहास कर उठा
  17. अंधकार-युग वह भारत का जब जातीय ज्योति
  18. भेद तिमिर-पथ गहन
  19. ‘भारत मेरे स्वप्नों का वह, जिसमें सब समान, सब एक,
  20. जैसे फूलों में मादकता
  21. जिस दिन प्रथम प्रभात हुआ था
  22. हवन-घूम उड़ रहा
  23. उस दिन बोधि-वृक्ष के नीचे एक अबोध-हृदय आया,
  24. मंडप बना प्रचंड
  25. एक तरी कुछ पीत पटों से
  26. सत्य-अहिंसा की वह
  27. बापू की पद-चिह्न-पंक्ति-सी मिट न सकेगी धरती पर
  28. हे अलोक ज्वार में बहते
  29. देख रहा मैं
  30. प्राणों के विश्वास बनो
  31. जन्म हुआ जिनका इस
  32. किधर जायगा, मानवता!
  33. बोल ‘महात्मा गाँधी की जय’ छोड़ दिये कितनों ने प्राण,
  34. घिरे तिमिर-धन
  35. एक ज्योति जो अनिर्वाप्य
  36. फिर-फिर नाश
  37. सेवा ही है मानवता
  38. लिखते लिखते शेष हो गयी
  39. आँसूभरी रात बीती
  40. धरती पर हँसती
  41. मर सकते वे
  42. सपने में जगकर
  43. राजा राम अयोध्या के थे! हुए विदा जो उसको छोड़
  44. देखा मैंने यंत्र-सज्ज
  45. अहे पतित-पावन!
  46. हे ममतामय पिता!