मेरे गीत, तुम्हारा स्वर हो_Mere Geet, Tumhara Swar Ho

  1. अब तो थका-थका मन मेरा
  2. एक अवलंब तुम्हीं, प्रभु! मेरे
  3. ओ मेरे चिरसंगी!
  4. कभी जी में तेरे यह आया
  5. कितने गीत सुनाऊँ!
  6. कृपा का कोष नहीं था रीता
  7. कैसे तेरे दर्शन पाऊँ!
  8. कोई माने या मत माने
  9. क्यों तू दुःख से वृथा डरे
  10. क्यों यह रोना-धोना मेरे मन!
  11. चलता रहूँ, चलता रहूँ
  12. चेतन मेरे ‘मैं’ से हारा
  13. छोड़कर कर मैंने सबका साथ
  14. छोड़ो भी चिंता इति-अथ की
  15. तँबूरा कभी चोट भी खाता
  16. तुझसे, नाथ और क्या माँगूँ!
  17. दृष्टि के आगे से मत हटना          ­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­
  18. दोष जो संतों ने बतलाये
  19. ध्यान में बुला-बुलाकर हारा
  20. न क्यों तू अब पहले-सा बरसे!
  21. नाथ! जब अक्षय कोष तुम्हारा
  22. नियम क्यों नहीं बदल सकता है!
  23. बढ़ रहा है सागर मुँह फाड़े
  24. भक्ति की महिमा डूबे सारी
  25. भाव वे तुमको भी छू पाए
  26. मन को वहीं लगाना होगा
  27. मिथ्याचारी मन, प्रभु ! मेरा
  28. मुझे तो यह काया है प्यारी
  29. मुझे तो है, प्रभु! यह विश्वास
  30. मुझे तो है यह दृढ़ विश्वास
  31. मुझे भर लेती बाँहों में
  32. मेरे जन्म-जन्म के साथी!
  33. यदि इन गीतों को गाओगे
  34. रहे तो दूर-दूर इस बार
  35. रूप बड़ा या भाव बड़ा है
  36. व्यर्थ करुणानिधि नाम धराया
  37. साँस जब तक चल रही, सही है
  38. क्षमा का ही केवल आधार
  39. क्षमा भी किस मुँह से मैं माँगूँ! !
  40. अकेलापन – जाऊँ कहाँ , खुलूँ भी किससे
  41. अमरत्व – कैसे मिले जीवन को
  42. आत्मिका – मानव ह्रदय ने प्रेम-राग जो
  43. ईश्वर से – नियम बनाके बंध गया
  44. काया – काया को वृथा ही
  45. काल – देह को कर दे
  46. छंदमुक्त कविता – व्योमवासी खग पिंजड़े में
  47. दिवंगत मित्र – है करवट बदलकर
  48. दुराशा – अंजलि से जैसे
  49. नास्तिकों से – देश और काल, ये है या नहीं है
  50. मृत्यु – करके सर्वस्व भी
  51. मोहभंग – अब तो इस बाग़ में सन्नाटा है
  52. वार्धक्य – देख नित्य बढ़ता
  53. विराग – यह भी क्या विराग
  54. सुनामी से – रात दिन मर-मर कर