गुलिवर की चौथी यात्रा
- अब यह नाव लगे जिस घाट
- कर न सका जो इस जीवन में
- काल ने तोड़ दिए सब नाते
- कृपा ऐसी ही रखना, स्वामी !
- गीत गाकर अब किसे रिझाऊँ !
- छोड़ उसपर चिंतायें सारी
- जब तक स्वर तुम तक पहुँचेंगे
- नभ पर ऊँचा आसन मेरा
- नाम ही यदि तुझको प्यारा है
- पंछी उड़-उड़ भी जायेंगे
- फिर इस जग में आओ
- रहें गीत अनगाये
- वे दिन देखे, ये भी देख
- शलभ! मिला जो तुमको
- होगा वही कि जो होना है