sau gulab khile

मेरा जीना प्यार का जीना, उनकी बातें काम की बातें
मेरा रोना प्यार का रोना, उनके लिये बेकाम की बातें

रोते ही रोते इन आँखों ने रात से जगकर भोर किया है
नींद जो आयी, चैन ही आया, कुछ तो हुईं आराम की बातें

मरना देखके डर जाना क्या ! जीने के नाम से घबराना क्या !
प्यार ने हाल किया कुछ ऐसा, ये हैं सुबह और शाम की बातें

बातें तो हैं कहने की हजारों, कह भी रहे हैं, कह भी न पाते
काम की बातें फिर कर लेंगें, आज तो हों बेकाम की बातें

जिसने गुलाब में काँटें चुभाये, उसने बड़ा एहसान किया है
कौन नहीं तो प्यार में करता, मेरी तरह गुमनाम की बातें !