vyakti ban kar aa

कितनी तेज़ी से सब कुछ बदल जाता है!
जैसे कोई बादलों का बहता हुआ बजरा
आँखों के आगे से निकल जाता है,
जैसे कोई बर्फ का बना महल
देखते-देखते पिघल जाता है।