कच-देवयानी_Kach Devyani
• “आप खरे धनी हैं, तभी तो आपने वाणी को इतने अलंकार दिये हैं कि उसे राजरानी बना देते हैं।”
-मैथिलीशरण गुप्त
• “आप खरे धनी हैं, तभी तो आपने वाणी को इतने अलंकार दिये हैं कि उसे राजरानी बना देते हैं।”
-मैथिलीशरण गुप्त