har moti me sagar lahre
लोग सभी तट पर आ-आकर ठहरे
मैं ही एक डूबता गया गहरे
क्यों न चमकें मोती मेरे शब्दों के
जब कि हर मोती में सागर लहरे
लोग सभी तट पर आ-आकर ठहरे
मैं ही एक डूबता गया गहरे
क्यों न चमकें मोती मेरे शब्दों के
जब कि हर मोती में सागर लहरे