Gulab Khandelwal – Selected Poems
COME BEFORE ME AS A PERSON Accumulation is good Ah, when the next row will sit down for a feast…
The Evening Rose
A Fading Rose Abha’s Presence Address to the guests at Ankur’s Wedding Ankur’s Wish Dialogue with a Friend Discourse with…
अनबिंधे मोती_Anbindhe Moti
अंचल लहरा चलती वह अमावस का दिया अलक मुख पर मेदुरा हुई अविरल प्रिय का पंथ निरखती आईना कहता है…
अन्तःसलिला_Antah Salila
मैं कवि के भावों की रानी मैं यौवन की पंखुरिया खोल रहा हूँ आत्म-चिंतन फूल खिला उसर में गीत में…
तिलक करें रघुबीर_Tilak Kare Raghuveer
अकेला चल, अकेला चल अकेले मुझको छोड़ न देना अपनी सेवा का अवसर दे अपेक्षा जग में सबसे त्यागी अपेक्षा…
तुझे पाया अपने को खोकर_Tujhe Paya Apne Ko Kho Kar
अब तो अंग थक गये सारे आस्था दृढ़ हो यदि अंतर में काल से डरें जिन्हें डरना है कहाँ जायेगी…
अहल्या_Ahalya
प्रथम खंड 1 आवर्थ शून्य के जलद-पटल-सी खोल सघन 2 कौतुकमय पलकें, अधरों पर ज्योतिर्लेखा 3 जड़ गया भाल पर…
दिया जग को तुझसे जो पाया_Diya Jag Ko Tujhse Jo Paya
अब मैं शरण तुम्हारी अटल है जो उसने लिख डाला आत्माओ ! महान कवियों की आस है वृथा स्वाति के…
आधुनिक कवि – १९, गुलाब खंडेलवाल_Adhunik Kavi – 19 Gulab Khandelwal
अहल्या आयु बनी प्रस्तावना
देश विराना है_Desh Virana Hai
अकेलेपन का सफ़र अब इस शेष विदा के क्षण में अब कुल राम हवाले अब तो ठहरने लगे किनारे अब…