तिलक करें रघुबीर_Tilak Kare Raghuveer

  1. अकेला चल, अकेला चल 
  2. अकेले मुझको छोड़ न देना 
  3. अपनी सेवा का अवसर दे 
  4. अपेक्षा जग में सबसे त्यागी 
  5. अपेक्षा जग से क्या करता है 
  6. अब यह घटा बरस ले जम के 
  7. इसमें तेरी कौन बड़ाई 
  8. और क्या तुझे चाहिये, बोल 
  9. कभी तो ठहरे यह मन मेरा 
  10. कभी यदि ऐसा देखो कोई  
  11. करूँ क्या, यदि मन हो न विरागी! 
  12. कल की कल देखी जायेगी 
  13. कहाँ वह पीर प्रेम की पाऊँ 
  14. काल की हो अनंत भी धारा
  15. काल! तू कौन,कहाँ से आया ?
  16. किस सुर में मैं गाऊँ?  
  17. कृपा का कैसे मोल चुकाऊँ !  
  18. कैसे आऊँ द्वार तुम्हारे? 
  19. कैसे आऊँ शरण तुम्हारी! 
  20. कैसे तेरे सुर में गाऊँ! 
  21. कैसे पहुँचूं तुझ तक स्वामी! 
  22. कैसे मुझे सँभालोगे!
  23. कैसे यह अभिनय कर पाऊँ! 
  24. कौन अपना है, कौन पराया! 
  25. कौन इस पीड़ा को पहिचाने 
  26. कौन-सा रूप ध्यान में लाऊँ!  
  27. क्या नहीं इस जीवन में पाया 
  28. क्यों तू उसको देख न पाया 
  29. क्यों तू चिंता करे अभागे! 
  30. क्यों तू माला व्यर्थ बनाये! 
  31. खुला है अंध गुफा का द्वार
  32. खेल लेने दो मन के दाँव
  33. गीत तो रच-रच कर लिख डाले 
  34. चला मैं सदा लीक से हट के
  35. चलो धीरे से इस बस्ती में
  36. चाह यह नहीं पूर्ण निष्कृति दो 
  37. चित्र भी यदि मिटनेवाले हैं 
  38. छोड़ मत देना पथ के बीच 
  39. जब तक तेरे निकट न आऊँ 
  40. जलो, वैश्वानर! खूब जलो 
  41. झलक भी यदि न रूप की पाऊँ 
  42. तभी तक है सपनों का फेरा 
  43. तू ही तू जब दायें-बायें 
  44. तू ही नहीं अधीर
  45. तूने कितना नाच नचाया 
  46. तूने कितना प्रेम निभाया! 
  47. तूने कैसा खेल रचाया! 
  48. तेरी करूणा आड़े आयी 
  49. तेरी बिगड़ी कौन बनाये! 
  50. दया यह भी कम थी न तुम्हारी 
  51. दर्पण कैसे उन्हें दिखाए! 
  52. दुनिया मेरी है या तेरी 
  53. न है मेरे दोषों की माप
  54. नहीं भी इस तट पर आयेंगे 
  55. नहीं यदि तुझ तक भी पहुँचेगी 
  56. नहीं यदि तेरा मिले सहारा 
  57. नहीं यदि मेरा त्रास हरोगे 
  58. नाथ! तुम कब से हुए विरागी?
  59. नाथ! क्या माँगूँ चाँदी-सोना 
  60. नाथ! क्यों डाँड़ चलाना छोड़ा?  
  61. निर्जन सागर-वेला 
  62. नींद कब सुख की आएगी? 
  63. पत्री मैंने भी भिजवायी 
  64. पूछते भी अब तो डरता हूँ 
  65. प्रभु! यह महाभीरु मन मेरा 
  66. प्रेम की पीड़ा पल न भुलाऊँ 
  67. प्रेम प्रभु चरणों में दृढ़ होता 
  68. बरसो, हे करुणा के जलधर !  
  69. बाँधकर नियमों से जग सारा 
  70. बैठकर मेरे सुर में गाओ
  71. भगवती आद्याशक्ति भवानी 
  72. भरोसा है तेरे ही बल का 
  73. भाग्य पर दोष व्यर्थ मढ़ता है 
  74. मन का यह विश्वास न डोले 
  75. मन मेरे! नीलकंठ बन 
  76. मन रे! किसने तुझे लुभाया! 
  77. मन रे! डाँड न छूटे कर से 
  78. मन! तू अब भी तोष न माने 
  79. माना कुछ मेरा न यहाँ था 
  80. मार्ग कैसा भी बीहड़ आये 
  81. मुझ-सा कौन यहाँ बड़भागी ! 
  82. मुझे तो एक भक्ति का बल है 
  83. मुझे तो वही रूप है प्यारा  
  84. मुझे फिर है इस जग में आना 
  85. मुझे भी अपना दास बनाओ 
  86. मेरे अंतर में छा जाओ
  87. मेरे संग संग चलने वाले 
  88. मैं तो बस चुप मार रहूँगा 
  89. यदि मैं चित्र न देखूँ तेरे 
  90. यह मन बड़ा हठी है नाथ  
  91. लगा है अब तो अंतिम  दाँव
  92. लिखूँ क्या, जब तक तू न लिखाये 
  93. वही हो नाव वही हो धारा
  94. विवशता हैं ये तानें मेरी 
  95. वृथा ही तू क्यों जूझ मरे! 
  96. व्यर्थ क्यों घुट-घुट मरना है! 
  97. शक्ति दे, मन को सुदृढ़ बनाऊँ
  98. शरण में, माँ! मुझको भी ले ले 
  99. सभी फल तोड़-तोड़ ले जाए
  100. सही कर दे तू, तभी सही है 
  101. सोच में यदि दिन रात मरुँ 
  102. हमारे कहने पर मत जायें
  103. हाथ से छूट रही है वीणा 
  104. हुए सब एक-एककर न्यारे
  105. क्षमा का ही तेरी संबल है 
  106. क्षमा यदि कर न सके अपराध

Tilak Kare Raghuveer

 

Great book!
Source here