उषा_Usha
- प्रथम सर्ग
- द्वितीय सर्ग
- तृतीय सर्ग
- चतुर्थ सर्ग
- पंचम सर्ग
- पंचम सर्ग_मैं अमाँ की एक विस्तृत तान
- पंचम सर्ग_बावरी कुंजों में
- षष्ट सर्ग
- सप्तम सर्ग
- अष्टम सर्ग
- नवम सर्ग
- दशम सर्ग _मैं बढ़ता जैसे अग्नि बाण
- दशम सर्ग _मैं धधक रहा बन प्रलय ज्वाल
- दशम सर्ग _इस मधुर स्वप्न का कहीं अंत
- दशम सर्ग _जीवन का क्षण-क्षण नाच रहा
- दशम सर्ग _इस पार कौन? उस पार कौन?
- दशम सर्ग _प्रिय तुम तो सावन के प्रभात
- दशम सर्ग _यह कैसा कोमल करुण राग
- दशम सर्ग _छाया कैसा यह इंद्रजाल
- दशम सर्ग यह मेरे मन का अन्धकार
- दशम सर्ग _इस जलते जीवन का प्रमाद
- दशम सर्ग _मैं जीवन-सत्ता दुर्निवार
- दशम सर्ग _अयि अमर चेतने ज्योति किरण
- दशम सर्ग _बहने दो जीवन को अबाध
- दशम सर्ग _फिर होगा जीवन का विचार
- दशम सर्ग _तुम कौन पिकी-सी रही बोल
- दशम सर्ग _तुम प्रेम न इतने बनो क्रूर
- दशम सर्ग _ऐसी मेरे मन की भाषा
- दशम सर्ग _आधा यौवन हो चुका शेष
- दशम सर्ग _ओ मन की हलचल ! ठहर, ठहर
- दशम सर्ग _मुझको न व्यथा से बहलाओ
- एकादश सर्ग
- द्वादश सर्ग