नूपुर बँधे चरण_Nupur Bandhe Charan

  1. अम्बर तक जय-घोष छा रहा
  2. अश्रु-कण झरते रहे
  3. आज अणु-अणु सौभाग्य भरा
  4. इतने मीठे मन में
  5. इस घाटी का अंत कहाँ है
  6. इस नीली गिरी-घाटी के उस पार
  7. एक कुम्हार बाला के प्रति
  8. किसके साथ विहार करूँ मैं?
  9. कौन तुम, दूर-क्षितिज के पार
  10. कौन सी थी दृष्टि वह
  11. गाता था कोई विरही वन-वन यों
  12. गीत बनकर ही अधर के पास आना
  13. गीत में भर दो मेरा जीवन
  14. चली गयीं वे भेड़ें किस निर्जन में?_गड़ेरिये के गीत
  15. जब तुम मुझे देख लेती हो
  16. जादू का देश
  17. तम से बंधा प्रकाश
  18. तुम्हारे रूप मधुवन में समीरण मैं बनूँ तो क्या !
  19. देख रहा मैं सम्मुख स्मृति-से धुंधले नील गगन को
  20. नवोढ़ा-सी तुम कौन गगन में ?
  21. नींद में सोयी हुई थी मैं उसाँसों से जगी
  22. नुपुर बंधे चरण
  23. पंथ अगम, निशि भारी
  24. पढ़ मेरी कविता भर आये
  25. पर्वत-घाटी पार वे गये
  26. परशुराम का पश्चाताप
  27. पानी बरस कर खुल गया
  28. प्रेम की इस मोहक नगरी में
  29. मृगतृष्णा
  30. मेरा अंत न होगा
  31. मेरा लक्ष्य खो गया साथी !
  32. मैं न रहूँगा यहाँ
  33. मैं यौवन की पंखुरियाँ खोल रहा हूँ
  34. यह हिरण्यमय लोक कहाँ था ?
  35. रोते रोते चुका नयन का पानी
  36. लहरों के तल में सुहासिनी मेरी
  37. लौट गए करुणामय आकर द्वार
  38. शकुंतला के प्रति: अंतर में तू आयी
  39. शकुंतला के प्रति: अब कैसा व्यवधान
  40. शकुंतला के प्रति: तुम्हीं पवन में आज प्रवाहित
  41. शकुंतला के प्रति: मेरा ह्रदय कुलिश-कठोर
  42. शकुंतला के प्रति: मेरी चन्द्र-विहीना यामिनी
  43. शकुंतला के प्रति: शकुंतला, चार दिनों की चाँदनी
  44. शोक-गीत: अभी बज रहे थे
  45. शोक-गीत: आज जर्जर तरु-शाखा टूटी
  46. सत्य-अहिंसा शस्त्र न छूटे
  47. संध्या की पीली किरणों पर चढ़ कर_गड़ेरिये के गीत
  48. सपने में करता माया सा
  49. सबल की न धनवान की
  50. स्मिति से रंजित, अंजित, चपल-नयन
  51. स्वर-वसंत फूटे
  52. हवा और पानी सी धरती
  53. हवा का राजकुमार और रात की रानी